इख़्तालाफ़ात का अंजाम जंग न हो
खुश्बू यह अमन की कभी कम न हो
सरहद पर डटा जवान किसी का सपना होगा
सरहद पर किसी के सपनों का ख़ून न हो
मादरे वतन को दिलो जान से चाहो मगर
किसी दूसरे की मां को कोई नुकसान न हो
अमन की राह पर वक्त है कुर्बान होने का
जंग-ए-मैदान पर कोई जान कुर्बान न हो
It should be a "BLACK DAY"
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Waqt aazadi ka yaad aaya hai,
Zehan mein kholta hua khoon bhar aaya hai.
Zulmat mein guzra hai uss daur ka ek-ek din,
Aaina bhi mera aaj theek se ro nahi pa...
14 years ago
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